What is Computer virus :
Computer virus : computer system मे अनेक प्रोग्राम होते है जो virus के रूप में जाने जाते है और इन virus को हटने के लिए anti virus का उपयोग किया जाता है। computer में virus के अलग अलग प्रकार होते है|
जिस प्रकार किसी जैविक Virus के कारण एक मनुष्य के शरीर मे रोग या विकास उत्पन हो जाते है उसी प्रकार computer system में भी Virus का प्रभाव होता हे। जिसके कारण computer system कि working असामान्य हो जाती है परंतु यहा computer system मे आने वाले Virus जैविक Virus नही होते है।
computer system में आने वाले Virus किसी programmer द्वारा बनाए जाने वाले Application program होते है जो किसी ऐसे कार्य को करते है जिनसे computer कि सामान्य working प्रभावित होती है। मुख्य रूप से Virus user के लिए बनाए गए सामान्य से अलग कार्य करने लगते हें जैसे कि स्वतः Restart होना विभिन्न प्रकार कि files का स्वत बनाना पूर्व में बनी files कि एक से अधिक copy बनाना application को परिवर्तित कर देना computer की working के लिए आवष्यक files एवं data को delete कर देना।
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Source of Virus in Computer System :
Pirated Software :
- जब किसी s/w को गैर-कानुनी तरीके से प्राप्त किया जाता है।
- तब इसे Pirated software कहा जाता है।यह Pirated software Virus से प्रभावित हो सकते है।
Network :
- network मे एक से अधिक computers को एक साथ आपस मे जोडा जाता है।
- एक से अधिक system होने के कारण Virus के प्रभावित करने कि संभावना अधिक रहती है।
Secondary storage device ( CD, DVD, Pen Drive) :
- Secondary storage device में store किये जाने वाले data जैसे कि picture, SONG आदि के साथ Virus हो जाते है
- जब भी इसमें से किसी device जब भी इनमे से किसी device को computer में use किया जाता है
- तब Virus भी computer system में copy हो जाते है।
Internet :
- Internet वह सबसे आसान माध्यम होता है
- जिसकी सहायता से Virus system पर attack कर सकते है
- जब भी internet के मध्यम से किसी data या file को download किया जाता है।
- तब उस file के साथ Virus आसानी से system में copy हो जाते है।
- Internet Virus के फैसले का सबसे प्रमुख माध्यम माना जाता है।
Working principle of virus :
Virus के कारण computer के प्रभावित हो जाने पर निम्न लक्षण सामने आते है।
- computer की working के लिये आवष्यक information delete होने लगती है।
- Directoryके नाम या उसके address में परिवर्तन आ जाता है।
- computer की speed कम हो जाती है।
- Keyboard की key को उपयोग करना बंद कर देना |
- किसी भी data file में store किये गये data को परिवर्तित कर देना।
- software से संबंधित data files को परिवर्तित कर देता है।
- boot sector में परिवर्तित कर system को bootनही होने दिया जाता है।
- screen पर अनाअवष्यक information प्रदर्शित होती है।
- file की memory क्षमता आवष्यक से अधिक हो जाती है।
- computer की primary memory में आवष्यकता से अधिक स्थान से लिया जाता है।
Types of computer virus :
Boot sector Virus :
- इस प्रकार के Virus को Boot sector Virus इसलिए कहा जाता है
- क्योकि यह Virus किसी hardware या floppy disk के Boot sector में स्थान बना लेता है
- किसी भी memory में boot sector वह स्थान होता है।
- जिसमें o.s.के लिए आवष्यक files रखी जाता है।
- जब भी computer को turn on किया जाता है,
- सबसे पहले इस sector की files को हि process किया जाता है।
- यदि Virus इस sector में स्थान बना लेता है।
- जब system की Booting होना बंद हो सकती हे।
- boot sector Virus को आसानी से remove नही किया जा सकता है।
Partition table Virus :
- यह Virus किसी computer की hardware के सबसे महत्वपूर्ण भाग पर atatck करता है,
- जिसे Partition table कहा जाता है।
- इस table में memory में store सभी प्रकार के data की entry होती है,
- Virus इस table से सभी record को delete कर memory के data को नुकसान पहॅचा सकता है।
Stealth Virus :
- यह ऐसे Virus जो computer मे अपनी पहचान को नही दर्षाते है,
- इस कारण से इन्हें पहचान कर remove नही किया जा सकता है।
- यह Virus अनावष्यक रूप से memory में स्थान ले लेते है।
Poly graphics Virus :
- यह ऐसे Virus होते है, जो प्रत्येंक बार copy होने पर अपनी पहचान बदल लेता है।
- अपनी एक से अधिक copy बनाता जाता है।
- इस Virus को remove कर पाना अत्याधिक कठिन होता है।
Macro Virus :
- macro Virus मुख्य रूप से किसी विषेष प्रकार की file पर attack करते है
- जैसे कि Excel की files पर यह Virus इन files में macro के रूप में store हो जाते है
- macro का उपयोग होने पर स्वतः run हो कर data को नुकसान पहुचाते है।
Trojan :
- इस प्रकार के Virus किसी अन्य execution file के साथ link होकर data को नुकसान पहुचाते है।
- यह Virus किसी विषेष दिनांक या समय पर Active होते है।
Bombs :
- सामान्यतः इस प्रकार के Virus किसी pirated Software के साथ उपयोग मे लाये जाते है।
- यह Virus जब भी active होते है।
- यह किसी Software से संबंधित आवष्यक files को एक साथ delete कर देता हे।
- जिसमें software कार्य करना बंद कर देता है।
Virus detection & prevention
Anti Virus
- system मे किसी एक Anti Virus program को load करके रखना चाहिए।
- system मे उपयोग मे लाए जा रहे anti virus programको Internet के माध्यम से update करते रहना चाहिए।
- सप्ताह मे एक या दो बार system कि सभी files को anti Virus कि सहायता से scan करवाना चाहिए।
- किसी भी अन्य system से लाई जा रही memory device जैसे कि hard disk , pen drive या CD/DVD का उपयोग मे लाने से पहले anti Virus program से scan करवाना चाहिए।
- किसी भी अपरिचित e-mail को read नही करना चाहिए।
- Internet कि सहायता से picture, movie या song को download करने से पहले anti virus program की सहायता से scan करवाना चाहिए।
- अपने महत्वपूर्ण data को सुरक्षित रखने के लिए नियमित अंतराल मे data का backup लेकर रखना चाहिए।
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