सॉफ्टवेयर एवं उसके प्रकार (Software Types in Hindi) :
Software Types in hindi : Computer system एक logical मशीन होता है, जिस प्रकार किसी अन्य मषीन को कार्यषील रखने के लिए ईधन (fuel) कि आवष्यकता होती है, उसी प्रकार एक computer system के लिए उपयोग मे लाए जाने वाले program एवं Software ईधन का कार्य करते है। computer के द्वारा किसी कार्य को करवाने के लिए उस system में उपयोग किये जा रहे hardware उपकरण को निर्देषित (instruction) करना होता है computer system द्वारा किसी भी कार्य को निर्धारित process के द्वारा पूर्ण किया जाता है। यह process एक से अधिक instruction की सहायता से किसी भी problem को हल करती है।
इस प्रकार computer system के द्वारा किए जाने वाले सभी कार्य एक से अधिक instruction की सहायता से संपादित होते है। computer system को यह instruction एक साथ देने के लिए program बनाये जाते है। इन सभी programs का एक समान कार्य के लिए किया गया संग्रहरण Software कहलाता है। क्योकि इनका कोई निष्चित आकार नही होता है और ना ही वास्तविक रूप में इन्हें समझा जा सकता है। जब किसी एक प्रकार के कार्य को करने के लिए एक से अधिक program का एक साथ उपयोग किया जाए तब यह सभी program मिलकर एक Software कहलाते है किसी भी computer system को कार्यषील बनाने के लिए Software अत्यंत आवष्यक होते है।
computer Science के क्षेत्र मे software के ऐसा क्षेत्र है जिसमें विकास असीमित संभावनाएं है, क्योकि Software ही वह माध्यम होता है। जो एक userको computer hardware से जोडता है, और hardware को userके लिए उपयोगी बनाता है, Software के क्षेत्र मे हुए विकास के कारण वर्तमान समय में computer किसी भी प्रकार के व्यवसायी या सरकारी संस्थानों की प्राथमिक आवष्यक बन गया है। उपरोक्त सभी तथ्यों के आधार पर computer Software को निम्नानुसार परिभाषित किया जा सकता है।
कंप्यूटर को operate करने के लिए व user की आवष्यकताओं को पुरा करने के लिए उपयोग मे लाया जाने वाला माध्यम Software कहलाता है | computer Software एक माध्यम होता है जो userको computer से सम्बन्ध करता है, वह Software एक से अधिक programs का समूह होता है, जिसमें एक program को एक से अधिक instruction की सहायता से बनाया जाता है |
Computer Software को निम्नालिखित दो श्रेणियों मे रखा जाता है।
- System Software
- Application software
System software :
- computer के सभी hardware उपकरणो को operate करने के लिए system Software बनाए जाते है।
- user को computer system से जोडने की जानकारी system Software बनाए जाते है।
- system management के लिए system Software बनाए जाते है।
- जिसके अंतगर्त system के सभी Software hardware एवं data को memory में व्यवस्थिति किया जाता है।
- system development – जब किसी organization के लिए विष प्रकार के hardware का उपयोग किया जाता है,
example of system software:
- system management program- operating system, network management system data base management system.
- सिस्टम सपोर्ट प्रोग्राम – device driver, system utility performance monitor utility.
- system development program – programming language translator assambler compiler.
Application software :
examples of application software:
word processing, Spread sheet, DBMS(data base management system), Presentation graphics, Multimedia Software, Internet Software, Business Accounting Software, Science engineering Software
types of application software:
- General Purpose Application S/W
- Special Purpose Application S/W
General Purpose Application s/w :
1. word processing :
किसी भी office में विभिन्न प्रकार के Document का प्रयोग किया जाता है जैसे: Report , letter , application, memo आदि। इन Document को कुछ वर्षो पहले manual (हस्तलिखित ) या type writter कि सहायता से बनाया जाता था, इस प्रकार बनाये जाने वाले document में किसी भी प्रकार के परिवर्तन संभव नही होते थे। परन्तु यह computer का युग है। सभी सरकारी एवं निजी संस्थाओं मे आज सभी प्रकार के document को computer कि सहायता से बनाया जाता है। computer के द्वारा इन document का बनाने के लिए word processing software का प्रयोग किया जाता है। word processing एक ऐसा software या programs का समूह होता है। जहां आप information को graph तथा text के रूप में insert, edit, format तथा Print कर सकते है।
- word processor कई प्रकार के h/w को support करता है,
- जिनके माध्यम से information को i/p प्राप्त किया जाता है तथा o/p में Print किया जा सकता है।
- जब information को o/p में hard copy के रूप मे Print करना हो तब printer का प्रयोग word processor के साथ किया जाता है।
- word processor का प्रयोग घरो मे व्यवसाय मे, शैक्षणिक संस्थाओं आदि कई स्थानों पर किया जाता है।
- word processor कि सहायता से किसी भी व्यवसाय मे किये जाने वाले paperwork को कम्प्यूटरीकृत किया जा सकता है।
- जिसकी सहायता से report ,letter, brocher तथा महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाये जा सकते है।
- एक word processor किसी भी document कि प्रति अधिक से अधिक संख्या में Print कर सकता है।
- अतः word processor एक ऐसा software होता है। जिसके माध्यम से किसी भी दस्तावेज का layout (प्रारूप) electrically बनाया जा सकता है।
- Windows पर आधारित word processor Lotus’s Amipro and Corel word perfect , micro soft works ,Cliaris works ,Notepad , Word pad , micro soft work.
Feature of word processing :
- एक word processing Software में text के साथ ही graphics के रूप में भी सुचना को संग्रहित किया जा सकता है।
- word processing software में संग्रहित data में किसी भी प्रकार के परिवर्तन किये जा सकते है।
- एक word processing software संग्रहित data को Print भी किया जा सकता है।
- word processing software में संग्रहित data कि formatting कि जा सकती है।
- word processing software में बनाई गई file को कुछ अन्य प्रकार कि application कि file के रूप में संग्रहित किया जा सकता है।
- इस प्रकार के software में बनाई गई file में picture, header तथा footer भी insert किये जा सकते है।
- word processing s/w कि सहायता से बनाये गए document में स्वतः ही spelling checking कि जा सकती है तथा कुछ अन्य विषेष प्रकार के कार्य भी किये जा सकते है।
2. Spread sheet :
किसी भी शासकिय या अशासकिय कार्यालय मे किये जाने वाले कार्योको अलग अलग वर्गो में विभाजित किया जा सकता है। जैसे गणना करना, विष्लेषण करना, तुलना करना, अधिक से अधिक संख्या में आकडे (data) रखना आदि। किसी भी कार्योलय के विभिन्न कार्यो को कम्प्युटरीकृत करने के लिए विभिन्न प्रकार के software उपयोग मे लाये जाते है। जैसे M.s. word, excel ,power point ,access आदि। इन software मे से M.S.excel एक ऐसा शक्तिषाली tool है, जो किसी प्रकार के व्यापार या व्यवस्था को कम्प्युटराीकृत करने मे सहायता प्रदान करता है।
किसी भी लघु या दीर्घ स्तरिय व्यापार मे सूचना को अधिक से अधिक मात्रा मे संग्रहित करके रखा जाता है। एवं इस सूचना पर विभिन्न प्रकार के गणनात्मक, विष्लेषण एवं तुलना कार्य करता हो तब इसे Manually (हस्तलिखित प्रारूप ) लंबे समय तक बनाये रखना आसान नही होता है। तब इसी परिस्थिति मे यह कार्य कम्प्युटर में M.s. Excel कि सहायता से लागु किया जाता है। किसी भी कार्यालय मे यदि अलग अलग प्रकार के data को एकत्रित करके गणना करने का कार्य किया जाता है। तब इसे tabulation work( सांख्यिकीय कार्य ) कहा जाता है। इस प्रकार के कार्य को करने के लिए M.S. Excel सबसे उपयुक्त software माना जाता है।
- m.s. Excel एक ऐसा software है जिसमें कार्य करने के लिए उपयोगी क्षेत्र को rowएवं column में विभाजित किया जाता है।
- जो कि एक सांख्यिकीय ग्राफ के समान ही दिखाई देता है।
- यह कार्यक्षेत्र worksheet कहलाता है।
- प्रत्येक worksheet में दर्षाये गए row एवं column मिलकर अलग अलग cell का निर्माण करते है।
- यह cell data को एकत्रित करने का कार्य करते है।
- M.S. Excel की सबसे प्रमुख विषेषता यह होती है कि worksheet में store सभी data पर विभिन्न प्रकार के गणितीय सूत्र एवं tools की सहायता से विष्लेषण कार्य किया जाता है।
M.S.excel की एक worksheet में input किए गए data पर निम्न प्रकार के कार्य आसानी से किए जा सकते है-
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- input किए गए सभी data को एक विषेष क्रम में व्यवस्थित किया जाता है।
- input किए गए data के बिच आसानी से संबध स्थापित किए जा सकते है।
- dataको एक साथ अलग अलग वर्गो में विभाजित किया जा सकता है।
- input किए गए data को किसी विषेष सूचना अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है।
- सांख्यिकीय एवं गणितीय सूत्रों की सहायता से data पर स्वतः गणनाए लागू की जा सकती है।
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3. DBMS ( data base management system ) :
- Computer science का सबसे उपयोगी क्षेत्र data base management system माना जाता है।
- DBMS एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके अंतगर्त user के महत्वपूर्ण data को computer कि secondary memory में व्यवस्थित रूप से store करके रखा जाता है।
- DBMS के माध्यम बहुत अधिक संख्या मे विभिन्न प्रकार के data को store किया जाता है।
- user कि आवष्यकता के अनुसार data को अलग अलग प्रारूप में प्रदर्शित किया जा सकता है।
- DBMS ही वह व्यवस्था है, जिसकी सहायता से वर्तमान के computer Software किसी भी प्रकार के businees के कम्प्यूटरीकृत करने की सुविधा प्रदान करता है।
DBMS मे निम्न तथ्य महत्वपूर्ण होते है।
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Data :
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- data किसी ऐसी information को कहा जाता है,
- जो किसी वास्तविक जीवन से सम्बधित वस्तु व्यक्ति या स्थान के बारे मे एकत्रित कि गई हो।
- data वह सूचना हो सकती है, जो किसी भी entry की पहचान को परिभाषित कर सकते है।
- data को computer system में store कि जाने वाली information कि सबसे छोटी इकाई कहते है।
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Base :
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- data को computer की secondary memory में store किया जाता है,
- यह memory व्यवहार मे sequencial होती है,
- जिसमें एक निर्धारित क्रम मे ही data store किया जाता है।
- परन्तु user द्वारा input किया जाने वाला data किसी निष्चित प्रकार या क्रम मे नही होता है।
- इस प्रकार के data को store करने के लिए memory को किसी व्यवस्थित structure में परिवर्तित किया जाता है। यह structure ही base कहलाता है।
- base user के द्वारा बनाया गया वह प्रारूप है, जिसमें अलग अलग प्रकार का data एक साथ store किया जा सकता है।
- आवष्यकता होने पर इस data को किसी भी प्रारूप में उपयोग मे लाया जा सकता है,
- सामान्यतः computer कि Physical memory में बनाया जाने वाला structure database कहलाता है।
- data के लिए बनाए गए इस base के कारण ही computer कि memory में बहुत अधिक संख्या में data store किया जा सकता है।
- किसी भी अच्छे Software के लिए यह अवष्यक होता है,
- इसका database सही प्रकार से निर्धारित किया गया हो।
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Management :
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- जब किसी व्यवसायिक आवष्यकता के अनुसार database को परिभाषित किया जाता है।
- तब उस database में store data का व्यवस्थित होना आवष्यक होता है।
- database मे store किये जाने वाले data को सुनियोजित एवं व्यवस्थित रखने के लिए कुछ नियम निर्धारित किये जाते है,
- इन नियमों को लागु करने के लिए program बनाये जाते है।
- इस प्रकार किसी भी database में store data को व्यवस्थित रखने एवं प्रदर्शित करने के लिए Software program बनाये जाते है।
- जो किसी भी DBMS के लिए management का कार्य करते है।
- DBMS में store data का user कि आवष्यकता के अनुरूप प्रदर्शित करना भी management के अंतगर्त store program का हि कार्य होता है।
- database में store किये जाने वाले data के उपयोग के लिए नियम निर्धारित करने कार्य का DBMS द्वारा किया जाता है
- database मे store को input ,output Modify एवं delete करने कि सुविधा प्रदान करना हो या फिर data को user कि आवष्यकता के अनुसार प्रदर्शित करना या फिर database पर कार्य करने वाले अलग अलग प्रकार के user के लिए कार्य निर्धारित करने का कार्य DBMS द्वारा किया जाता है |
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System :
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- database का उपयोग किसी व्यवसायिक कंपनी या कार्यालय कि कार्यप्रणाली को कम्प्यूटरीकृत करने के लिए किया जाता है।
- इस कारण से यहां कार्य करने वाले user के लिए किसी ऐसी व्यवस्था को लागु करना आवष्यक हो जाता है।
- जिसमें प्रत्येक use का कार्य निर्धारित रहता है।
- system वह व्यवस्था है, जिसमें database पर कार्य करने वाले अलग अलग प्रकार के user के लिये उनके दायित्व (responsibility) कार्यक्षेत्र (work area) निर्धारित किये जाते है।
- वर्तमान समय में DBMS को relational database के रूप मे उपयोग मे लाया जाता है,
- जब DBMS में बहुत अधिक संख्या मे अलग अलग प्रकार का data उपयोग मे लाया जाता है। तब data को कम क्षमता वाली database file के रूप में store किया जाता है,
- इन सभी files के बिच आवष्यकता के अनुसार सम्बन्ध स्थापित किये जाते है, जिन्हें relation कहते है।
- इस प्रकार के relation के माध्यम से भी कम memory में बहुत संख्या में data को store किया जाता जा सकता
- इस प्रकार DBMS को RDBMS के रूप में जाना जाता है
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4. Presentation graphics :
- किसी भी शासकिय कार्यालय या शिक्षा एवं वैज्ञानिक क्षेत्र में सूचनाओं को प्रदर्शित करना अत्याधिक महत्वपूर्ण होता है।
- यदि हमने किसी विषेष वस्तु पर आधारित सुचनाओं एक साथ एकत्रित की है।
- तब इन सुचनाओं कां इन्य users के सामने प्रदर्शित करने के लिए बहुत अधिक पेपर वर्क करना होता है।
- जो कि एक कठिन एवं समय खर्च करने वाला कार्य होता है।
- इस प्रकार के कार्य हेतु power point एक अत्यन्त उपयोगी Software होता है।
power point एक ऐसा Software है जिसमें किसी भी विषय पर एकत्रित कि गई information को आर्कषक रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है। - power point कि सहायता से बनाए जाने वाला presentation अलग अलग slides का समुह होता है।
- जिसमें से प्रत्येंक slides में information को text या graphics के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है।
- power point एक अत्यंत सुविधाजनक एवं प्रभावषाली Software होता है।
- जिसमें किसी भी information को ध्वनि एवं दृश्य ( audio/ visual ) के विषेष प्रभाव के साथ प्रदर्शित किया जा सकता है।
Power point की सहायता से बनाए जाने वाले presentation में निम्न विषेषताए होती हैः-
- यहा बनाए जाने वाले presentation अलग अलग पगकार की slides का समूह होते है। जिनमें आवष्यकतानुसार information को अलग अलग प्रकार से प्रदर्शित किया जा सकता है।
- यहा उपयोग मे लाई जाने वाली प्रत्येक slides के साथ information को text एवं graphics दोनो की सहायता से प्रदर्शित किया जा सकता हे।
- किसी भी presentation में उपयोग मे लाई गई information रूप से समझाने के लिए user अपनी आवाज को आवष्यकता के अनुसार record कर सकता हे।
- कोई भी slides किसी भी अंतराल मे या क्रम में उपयोग मे लाई जा सकती हें।
- presentation को अधिक आर्कषक बनाने के लिए विषेष प्रभाव का उपयोग किया जा सकता हें जैसे: Animation या transition, effect.
- Power point में बनाए जाने वाले presentation स्वचालित या user द्वारा संचालित दोनो प्रकार के हो सकते है।
5. Multimedia Software :
- वर्तमान समय में computer system का उपयोग सभी प्रकार के व्यवसायों में किया जाता है
- ऐसा ही एक विस्तृत क्षेत्र है multimedia, जिसमें data को कई प्रकार के अलग अलग माध्यम के द्वारा प्राप्त किया जाता है।
- जैसे कि text audio, picture, graphics sound , video और इनमें से एक से अधिक माध्यम के data को एक साथ process किया जाता है।
- इस प्रकार के Software का उपयोग audio/video, clip,Animation आदि बनाने के लिए किया जाता है।
6. Internet Software :
- Computer system का सबसे अधिक उपयोग उपयोग Internet से data प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- इसके लिए Internet Software उपयोग मे लाए जाते है।
- Internet Software के माध्यम से user विभिन्न प्रकार की सुविधाए प्राप्त करते है।
- जैसे कि Email करना, data प्राप्त करना, information search करना, chatting करना आदि।
- Web Browser सबसे अधिक उपयोग मे लाया जाने वाला Internet Software होता है |
- जिसके माध्यम से user को Internet पर data प्रदर्शित किया जाता है|
Special purpose Application Software :
निम्न प्रकार के Software को special purpose Software की श्रेणी मे रखा जाता है –
1. Business Accounting Software :
- इस प्रकार के Software का उपयोग केवल किसी भी प्रकार के Business में होने वाले लेन देन को व्यवस्थित रूप से store करने के लिए किया जाता हे।
- Accounting Software की सहायता से user रूपए पैसे एवं सामान दोनो के लिए जाने वाले लेन देन को record कर सकता है।
- आवष्यकता होने पर आसानी से information प्राप्त कर सकता हे।
2. Science engineering Software :
- यह Software अत्यंत जटील होते है,
- इनकी सहायता से गणित एवं विज्ञान की कठिनतम गणनाए आसानी से हल कि जा सकती है।
- इस प्रकार के Software को किसी विषेष वैज्ञानिक अनुसंधान से प्राप्त data का विषेषण (Analysis) करने के लिए उपयोग मे लाया जाता है।
- इसके साथ हि यहा data को engineering समीकरणों के अनुसार भी process किया जाता है।
- इन Software का मुख्य उपयोग physics, chemistry ,engineering , drawing ,machine, design ,architecture आदि क्षेत्रों मे किया जाता है।
3. Education Research Software :
- वर्तमान समय में कि विद्यार्थी को उसकी प्रारम्भ्कि क्षमता से ही computer का भान सिखया जाता है,
- इसके साथ ही ऐसे Education Software उपयोग मे लाए जाते है,
- जिनसे विद्यार्थी के अन्य विषयों की जानकारी computer के माध्यम से उपलब्ध करवायी जाती है।
- इस प्रकार software के माध्यम से दी जाने वाली कक्षाऐं computer based tranning (CBT) कहलाती है।
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