Types of printer | प्रिंटर के प्रकार – Character, Line and Page Printers

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types of printer

Different types of printers :

Types of printer in hindi : प्रिंटर (printer) हार्ड कॉपी (hard copy) या स्थायी प्रति (permanent copy) प्रदान करने वाला आउटपुट  डिवाइस है ।

विभिन्न प्रकार के प्रिंटर इस प्रकार है – (Types of Printer)

कैरेक्टर प्रिंटर (Character Printer) :

यह एक बार में एक कैरेक्टर प्रिंट करता है ।

लाइन प्रिंटर (Line Printer) :

एक बार में एक पूरी लाइन प्रिंट करता है ।

पेज प्रिंटर (Page Printer) :

एक बार में एक पूरा पेज प्रिंट करता है ।

इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printer) :

यह टाइपराइटर की तरह पेपर और इंक रिबन पर दबाव डालकर प्रिंट करता है,  इम्पैक्ट प्रिंटर दो प्रकार के होते  है |

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer) :

जिस character को Print करना है, उसका code  computer द्वारा printer को provide किया जाता है। printer का circuit  इसे decode  करता है तथा इसके लिये signal generate   करता है। ये signal अलग अलग pins  के control  signal generate   करते है। जिससे ये pins  carbon ribbon पर टकराती है। सामान्यतः dot matrix printer Bidirectional  अर्थात right to  left  and left  to  right 30 to  60 character  प्रति second  होती है।

Advantages of Dot matrix printer :
  • यह different Scripts  में Print कर सकते है। Ex :-  English, Devanagari Tamil Etc.
  • यह सस्ते होते है इनकी operational cost (प्रारंभिक लागत ) तथा printing cost कम होती है।
Disadvantage of Dot matrix printer :
  • Printing  quality अच्छी नही होती है।
  • Noise produce (शौर) करते है।
  • लगातार लम्बे समय के लिए कार्य नही करते है।
  • इसकी  printing speed भी कम होती है |

डेजी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel Printer) :

यह ठोस मुद्रा – अक्षर (solid font)  वाला इंपैक्ट प्रिन्टर है। इसका नाम डेजी व्हील (daisy wheel )  इसलिए दिया गया है कि इसके प्रिंट हैड की आकृति एक पुष्प् गुलबहार (Daisy)  से मिलती है। डेजी व्हील प्रिंटर धिमी गति का प्रिंटर है लेकिन इसके आउटपुट की स्पष्टा उच्च होती है।

इसलिए इसका उपयोग पत्र (letter quality printer)  कहलाता है। इसके पिंट हैड में एक चक्र या व्हील (wheel)  होता है। जिसकी प्रत्येक तान (spoke)  में एक कैरेक्टर का ठोस फौन्ट उभरा रहता है। व्हील, कागज की क्षैतिज दिषा में गति करता है और छापने योग्य कैरेक्टर का स्पोक (spoke) व्हील के घूमने से प्रिंट पोजीषन (position)  पर आजा है। एक छोटा हैमर (Hammer)  स्पोक, रिबन (ribbon)  और कागज पर छप जाता है। इस प्रकार के प्रिन्टर अब बहुत कम उपयोग में है।

  • यह धीमी गति का इम्पैक्ट प्रिंटर है जो एक बार में एक कैरेक्टर प्रिंट करता है ।
  • इसमें प्रिंट हेड की जगह डेजी ह्नील लगा रहता है जो गोल घूमकर आवश्यक अक्षर प्रिंट करता है |
  • इससे ग्राफ या रेखाचित्र नहीं बनाये जा सकते ।

नान-इम्पैक्ट प्रिंटर (Non Impact Printer) :

इसमें रिबन नहीं रहता तथा विद्युत या रासायनिक विधि से स्याही का छिड़काव कर प्रिंट प्राप्त किया जाता है,  नान-इम्पैक्ट प्रिंटर तीन प्रकार के होते  है |

 थर्मल प्रिंटर (Thermal Printer) :

  • यह नान-इम्पैक्ट कैरेक्टर प्रिंटर है |
  • इसमें रसायन युक्त विशेष कागज का प्रयोग किया जाता है जिस पर ताप के प्रभाव से आवश्यक आकृति प्राप्त की जाती है |
  • इसमें प्रिंट की गुणवत्ता अच्छी होती है |
  •  यह अधिक खर्चीला होता है |

 इंक जेट प्रिंटर (Inkjet Printer)  :

इस  प्रकार  के printer में head के अंदर बहुत सारे small holes होते है जिन्हें Nozzle कहा जाता है। प्रत्येक hole के साथ एक resistor तथा ink होता है जैसे ही current  pass किया जाता है, तब यह resistor  गर्म हो जाते हे तथा Nozzle  से ink निकालकर paper  पर dot बनाती है। printer के circuit  के द्वारा किसी character को Print करने के लिए आवष्यक Nozzle  को select किया जाता है। latest  inkjet  printer में Multiple head होते है प्रत्येक head मे एक color होता है। जिसके द्वारा color full Print out भी लिया जा सकता है। इनकी speed कम speed वाले dot matrix printer quality अच्छी होती है। यह line printer होते है, जिनमे एक बार head के move होने पर एक line Print होती है।

Advantages of Inkjet printer
  • इनकी printing quality अच्छी होती है।
  • low noise (कम शौर)  उत्पन्न करते है।
  • इसमें colors full picture graphics आदि की printing की जा सकती है।
Disadvantages of Inkjet printer
  • per  page printing cost अधिक होती है।
  • printing speed कम होती है।

 लेजर प्रिंटर (Laser Printer)  :

यह printer photo  copy   machine के सिद्धांत पर कार्य करे है। इसका एक important part drum होता है, जो प्रारम्भीक स्तर पर 1000 Voltage पर charge किया जाता है। इससे पहले इसमें photo sensitive material की caoting कर दी जाती है। laser source laser beam provide   करता है। यह beam अष्ट भुजिय (octagonal)  दर्पण की सहयता से drum की complete surface  को scan करती है। जिस स्थान पर laser beam पडती है वह area को uncharge हो जाता है। इस प्रकार से दी गई information को drum पर change   toner  से attach होता है। तब toner के यह particles कागज पर pass हो जाते है। तथा इन्हें कागज पर fix करने के बची हुई toner को remove करने के लिए use किया जाता है।

Advantages  of  laser  printer
  • इनकी printing quality बहुत ही अच्छी होती है।
  • low noise  उत्पन्न करते है।
  • printing speed अधिक होती है।
  • यह उच्च गति वाला पेज प्रिंटर है |
  • इसमें लेजर बीम (laser beam), प्रकाशीय ड्रम (photo conductive drum) तथा आवेशित स्याही टोनर (charged ink-toner) का प्रयोग किया जाता है|
  • लेजर प्रिंटर की गुणवत्ता अच्छी होती है |
  • यह एक खर्चीला उपकरण है, पर इसमें प्रति कापी खर्च कम पड़ता है |
  • डेस्कटॉप पब्लिशिंग (DTP) में इसका उपयोग आमतौर पर किया जाता है |

Disadvantages of  laser  printer

  • printing cost Highहोती है।
  • initial cost भी High होती है।