Introduction Operating System :
Operating system एक system Software होता है, जो computer के सभी hardware को नियंत्रित करने का कार्य करता हे। computer में उपयोग मे लाए जाने वाले H/W को कार्य करने के लिए दिये जाने वाले सभी instruction binary code के रूप में ही होते है। जिन्हें एक सामान्य user के द्वारा उपयोग मे नही लाया जा सकता है। इस कारण से किसी ऐसे Software की आवश्यकता होती है जो user के द्वारा दिए जाने वाले कार्य को hardware कि सहायता से process कर सके। operating system एक ऐसा ही software होता है, जो user और H/W के बिच एक माध्यम का कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम के फंक्शन ( functions of Operating system ) निन्न है –
Functions of operating system in hindi :
memory management :
computer system में processing के लिए primary एवं secondary दो प्रकार की memory का उपयोग होता है। दोनो प्रकार की memory के बिच उनकी आवष्यकता के अनुसार data के management का कार्य operating system के द्वारा किया जाता है।
system में run होने वाले सभी program एवं उनसे संबंधित data को primary memory में ही process किया जाता है। primary memory कि क्षमता कम होने के कारण इसे अधिकतम उपयोग मे लाने कि जिम्मेदारी operating system कि होती है।
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process management :
computer system मे run होने वाले सभी program अलग अलग processes के रूप में ही run होते हे। OS को दिए जाने वाले किसी भी job को एक से अधिक processes के माध्यम से पूर्ण किया जाता है।
process management के अंतगर्त OS के द्वारा प्रत्येक process को run होने के लिए आवष्यक cpu memory एवं अन्य resources उपलब्ध करवाए जाते हे।
OS एक समय पर एक से अधिक processes को भी run करवाता है। इसके लिए उपयोग मे लाई जाने वाली प्रक्रिया को process scheduling कहा जाता हे।
disk / file management :
user द्वारा उपयोग मे लाया जाने वाला सभी प्रकार का आवष्यक data एवं system के लिए आवष्यक सभी information को disk memory में permanently store करके रखा जाता है।
इस प्रकार के data को store करने के लिए memory में एक विषेष प्रकार के block का उपयोग किया जाता है। जिसे file कहते है। OS सभी प्रकार के data एवं information को files के रूप में ही store करके रखता है।
इस कारण से processing के लिए आवष्यक अलग अलग files को व्यवस्थित करने का कार्य भी OS के द्वारा ही किया जाता है।
computer की secondary memory में files के रूप में OS को store करके रखता है एवं आवश्कता के अनुसार processing के लिए files को प्रदर्शित भी करता हैं यह प्रक्रिया disk /file management कहलाती है।
input/output management :
OS का एक महत्वपूर्ण कार्य user से I/P प्राप्त करना और processing के पष्चात उसे O/P प्रदान करना होता है। इस आवश्कता को पुरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के I/o devices को system के साथ उपयोग मे लाया जाता है जैसे कि mouse , monitor , printer |
इन सभी device को process के लिए आवश्यक data एवं instruction OS के द्वारा ही प्रदान किए जाते है इस प्रकार OS i/o management कि सहायता से computer के साथ उपयोग मे लाए जा रहे सभी H/W को नियंत्रित एवं व्यवस्थित करता है।
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user interface :
यह OS का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र होता है, जिसकी सहायता से OS user को computer के सभी H/W को उपयोग मे लाने के लिए आवष्यक commands उपलब्ध करवाता है।
OS user के द्वारा दि गए commands को machine language में परिवर्तित कर H/W को प्रषित करता हे। इस प्रकार OS user एवं H/W के बिच एक माध्यम से रूप में कार्य करता है, जो user को H/W से विभिन्न प्रकार कि सूचनाओं आदान प्रदान करने कि सुविधाएं देता है।
interface के अनुसार Operating system दो प्रकार के होते है – (a.) CUI Based (B.) GUI Based
Security management :
o.s. का एक महत्पूर्ण कार्य user के program एवं data को सुरक्षित रखना भी होता हे। वर्तमान समय में उपयोग मे लाए जाने वाले OS Multi user होते है।
जिसमें एक से अधिक user एक साथ कार्य कर सकते है। ऐसे सभी o.s.में प्रत्येकं user के data एवं information को अन्य user से सुरक्षित रखने का कार्य o.s. ही करता है।
इसके साथ हि o.s.computer मे आने वाले Virus के लिए भी user को सुचित करता है एवं आवष्यक होने पर Anti Virus program कि सहायता से Virus को memory मे से remove करता है।
integrity management :
o.s. कि सहायता से ही विभिन्न प्रकार की devices को आपस में एक साथ मे उपयोग मे लाकर एक computer system बनाया जाता है।
इस computer system में उपयोग मे लाई जा रही सभी devices के बिच सूचनाओं का आदन प्रदान करना integrity management कहलाता है।