Generations of computers | कंप्यूटर की पीढियां
Generations of computers : तकनिकी विकास के साथ साथ कम्प्यूटर की कार्यशैली तथा क्षमताओं में जो विकास हुआ इसी विकास को वर्ष 1964 में कम्प्यूटर जनरेशन (Generations of computers) अर्थात कंप्यूटर की पीढियां कहा जाने लगा ।
कम्प्यूटर के विकास को वर्ष 1942 से अब तक पाँच जनरेशन में विभाजित किया जा सकता है । प्रत्येक नई जनरेशन की शुरुआत कम्प्यूटर में एक नये प्रोसेसर व अन्य उपकरणों का उपयोग किया गया |
first generation of computer / कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी
प्रथम पीढ़ी – 1942-1955
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में निर्वात ट्यूब (vacuum tube) का प्रयोग किया गया था |
- इनमें मशीन तथा मशीन लैन्गवेज का प्रयोग किया गया, संग्रहण हेतु पंचकार्ड का प्रयोग किया गया था |
- ये कंप्यूटर अधिक ऊर्जा खपत करने वाले और आकार में बहुत बड़े थे ।
- एनिएक (ENIAC), यूनीवैक (UNIVAC) तथा आईबीएम (IBM) के मार्क-I इसके उदाहरण हैं।
- सन् 1952 में डॉ. ग्रेस हापर द्वारा असेम्बली भाषा के विकास से प्रोग्राम लिखना कुछ आसान हो गया जो इस कंप्यूटर में प्रयोग की गई थी |
second generation of computer / कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी
द्वितीय पीढ़ी – 1955-1964
- इस पीढ़ी के की कंप्यूटर में निर्वात ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया जो हल्के, छोटे और कम बिजली खपत करने वाले थे | इनकी गति तीव्र और त्रुटियां कम थी।
- पंचकार्ड की जगह चुम्बकीय संग्रहण उपकरणों (magnetic storage devices) का प्रयोग किया गया था जिससे संग्रहण क्षमता में वृद्धि हुई।
- बैच आपरेटिंग सिस्टम का आरंभ किया गया।
- व्यापार तथा उद्योग में कंप्यूटर का प्रयोग आरंभ हुआ।
- ट्रांजिस्टर का विकास वर्ष 1947 में बेल लैबोरेटरीज के जॉन वारडीन, विलियम शाकले तथा वाल्टर ब्रेटन ने किया था |
- अर्द्धचालक पदार्थ सिलिकान या जर्मेनियम का बना ट्रांजिस्टर एक तीव्र स्विचिंग डिवाइस है।
third generation of computer / कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी :
तृतीय पीढ़ी – 1964-1955
- ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का प्रयोग शुरू हुआ जिसमें सैकड़ों इलेक्ट्रानिक उपकरण, जैसे—ट्रांजिस्टर, प्रतिरोधक (resister) और संधारित्र (capacitor) एक छोटे चिप पर थे |
- प्रारंभ में SSI (Small Scale Integration) और बाद में MSI (Medium Scale Integration) का प्रयोग किया गया |
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर वजन में हल्के, कम खर्चीले , तीव्र और अधिक विश्वसनीय थे |
- चुम्बकीयटेप और डिस्क के भंडारण क्षमता में वृद्धि हुई तथा रैम (RAM—Random Access Memory) के कारण गति में वृद्धि हुई।
- उच्च स्तरीय भाषा में पीएल-I (PL-I), पास्कल (PASCAL) तथा बेसिक (BASIC) का विकास
- टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ।
- हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग अलग अलग प्रारम्भ हुआ |
- वर्ष 1965 में DEC—Digital Equipment Corporation द्वारा प्रथम व्यवसायिक मिनी कंप्यूटर पीडीपी-8 (Programmed Data Processor-8) का विकास किया गया।
- इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का विकास 1958 में जैक किल्बी तथा राबर्ट नोयी ने किया |
- सिलिकान की सतह पर बने इस तकनीक को माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स का नाम दिया गया |
- ये चिप अर्धचालक पदार्थ सिलिकान या जर्मेनियम के बने होते हैं।
- सॉफ्टवेयर में COBOL और FORTRAN जैसे उच्च स्तरीयभाषा का विकास आईबीएम द्वारा किया गया | इससे प्रोग्राम लिखना आसान हुआ।
fourth generation of computer | कंप्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी :
चतुर्थ पीढ़ी – 1975-1989
- LSI—Large Scale Integration तथा VLSI—Very Large Scale Integration चिप तथा माइक्रो प्रोसेसर के विकास से कंप्यूटर के आकार में कमी तथा क्षमता में वृद्धि हुई।
- माइक्रो प्रोसेसर का विकास एम- ई- हौफ ने 1971 में किया
- चुम्बकीय डिस्क और टेप का स्थान अर्धचालक (semi-conductor) मेमोरी ने ले लिया। रैम (RAM) की क्षमता में वृद्धि से कार्य अत्यंत तीव्र हो गया।
- उच्च गति वाले कंप्यूटर नेटवर्क, जैसे — लैन (LAN) व वैन (WAN) का विकास हुआ।
- मल्टीमीडिया का प्रचलन प्रारंभ हुआ।
- 1981 में IBM ने माइक्रो कंप्यूटर का विकास किया जिसे PC—Personal Computer कहा गया
- सॉफ्टवेयर में GUI—Graphical User Interface के विकास ने कंप्यूटर के उपयोग को सरल बना दिया।
- आपरेटिंग सिस्टम में MS-DOS, MS-Windows तथा Apple-OS का विकास हुआ।
- उच्च स्तरीय भाषा में ‘C’ भाषा का विकास हुआ जिसमें प्रोग्रामिंग सरल था।
- मूर के नियम के अनुसार, प्रत्येक 18 माह में चिप में उपकरणों की संख्या दुगनी हो जाएगी।
- ULSI में एक चिप पर 1 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाए जा सकते हैं।
fifth generation of computer | कंप्यूटर की पंचम पीढ़ी :
पंचम पीढ़ी – 1989 से….
- ऑप्टिकल डिस्क – सीडी के विकास ने संग्रहण क्षेत्र में क्रांति ला दी।
- नेटवर्किंग के क्षेत्र में इंटरनेट, ई-मेल तथा www का विकास हुआ।
- सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना राजमार्ग की अवधारणा का विकास हुआ।
- नए कंप्यूटर में कृत्रिम ज्ञान क्षमता (artificial intelligence) डालने के प्रयास चल रहे हैं ताकि कंप्यूटर परिस्थितियों के अनुकूल स्वयं निर्णय ले सके।
- मैगनेटिक बबल मेमोरी के प्रयोग से संग्रहण क्षमता में वृद्धि हुई।
- पोर्टेबल पीसी और डेस्क टॉप पीसी ने कंप्यूटर को जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र से जोड़ दिया
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