Introduction of DBMS in hindi – MS Access MCU Notes

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Introduction of DBMS in hindi

MS Access – Introduction of DBMS in hindi | DCA / PGDCA 1st Sem

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Introduction of DBMS:

कम्प्युटर सिस्टम का सबसे अधिक उपयोग सूचनाओ को एकत्रित करने एवं उन्हे आसानी से खोजने के लिए किया जाता है कम्प्युटर मे सूचनाओ को सामान्यतः Data कहा जाता है।

यही कारण है कि वर्तमान समय में इलेक्ट्रानिक डाटा प्रोसेसिंग (Electronic Data Processing) का कार्य बहुत अधिक संख्या में किया जाता रहा है। Computer के प्रचलन से पहले सूचनाओ को कई प्रकार से अलग-अलग रूप में जैसे की हस्तलिखित file, नक्शे, सारणी, रजिस्टर आदि में रखा जाता था। इन प्रचलित तरीको में सूचनाओ को सुरक्षित रखने में एवं आवश्यकता पडने पर खोजने में बहुत अधिक समय एवं र्जा लगती थी।

वर्तमान में कम्प्युटर के कारण सूचनाओ को संग्रहित करने का काम बहुत ही आसान एवं तीव्र हो गया है। कम्प्युटर में सूचना संग्रहण हेतु एक व्यवस्थित प्रणाली उपयोग मे लाइ जाती है जिसे Data Base Management System (DBMS) कहा जाता है।

Definition of DBMS:

कम्प्युटर विज्ञान के आधार रूप सिद्धांतो मे से एक DBMS होता है DBMS की संरचना का उपयोग करके अलग-अलग प्रकार की सूचनाओ को व्यवस्थित रूप से एक साथ संग्रहित रखा जा सकता है। DBMS को परिभाषित करने के लिए इसके सभी भागो को अलग-अलग समझा जा सकता है।

Data :-

सामान्यतः Data को सूचनाओे का सबसे छोटा भाग माना जाता है, जो किसी एक प्रकार का होता है। किसी व्यक्ति स्थान वस्तु या घटना से संबंधित अव्यवस्थित जानकारी Data कहलाती है। Data मुख्य रूप से अक्षर, संख्या, चित्र या अन्य किसी प्रकार का हो सकता है। उदा – किसी विद्यार्थी से संबंधित जानकारी व उसका नाम पता आदि अक्षर के रूप में डाटा कहलाएगा उसी प्रकार उसका रोल नम्बर या मोबाइल नम्बर या परिक्षा मे प्राप्त अंको की जानकारी संख्या के रूप मे Data होगी।

Base :-

जब किसी व्यक्ति स्थान घटना से संबंधित जानकारी को एकत्र किया जाता है जब प्राप्त होने वाला Data व्यवस्थित रूप में नहीं होता है, इस Data को व्यवस्थित रखने के लिए किसी विशेष संरचना की आवश्यकता होती है। Base अर्थात आधार वह संरचना है जिसमें अलग-अलग प्रकार का Data एक साथ व्यवस्थित रूप से रखा जाता है। उदा – किसी विद्यार्थी से संबंधित Data को व्यवस्थित रूप से रखने के लिए निम्न प्रकार की संरचनाए उपयोग मे लाई जा सकती है।

Management :-

Data base की संरचना इस प्रकार होती है कि इसमें बहुत अधिक संख्या में Data को एक साथ संग्रहित करके रखा जा सकता है। पुराने समय में उपयोग मे लाए जाने वाली फाइल पद्धति में Data को search करने अर्थात् खोजने की कोई व्यवस्था नहीं होती थी। परन्तु DBMS में इस कमी को पूरा किया गया है। यहाॅ management का अर्थ ऐसे सभी प्रोग्राम से है, जो Data को सुरक्षित रखने एवं सरलता से ेमंतबी करने की सुविधा प्रदान करते है। Management ऐसे प्रोग्राम का समूह होता है जो किसी भी उपयोगकर्ता की आवश्यकता के अनुसार Data की प्रोसेसिंग करते है।

System :-

में बहुत अधिक संख्या में महत्वपूर्ण Data रखा जाता है इस कारण से उन्हे सुरक्षित रखने के लिए कुछ नियम निर्धारित किए जाते है, जिन्हे प्रायः system कहा जाता है। System के अन्तर्गत Data base के अलग-अलग नेमत बनाए जाते है, जिनमें से प्रत्येक नेमत का कार्य एवं उसके अधिकार निर्धारित रहते है।

उपरोक्त अवयवों को एक साथ उपयोग में लाने पर एक व्यवस्थित तंत्र विकसीत होता है, जिसे Data Base Management System कहा जाता है।

Advantages of DBMS :

DBMS के प्रचलित होने का प्रमुख कारण इसकी व्यवस्थित संरचना है। DBMS के प्रमुख लाभ निम्नानुसार है –

(1) Centralize Management of Data (डेटा का केन्द्रीय प्रबंधन) :

  • DBMS के माध्यम से किसी भी संस्था के अलग-अलग विभागो के Data को एक ही स्थान पर रखा जा सकता है
  • एक ही स्थान पर Data होने से व्यवस्थित एवं सुरक्षित रखना आसान होता है।

(2) Sharing of Data (डाटा को विभाजित करना) :

  • यह Data एक ही स्थान पर होने के कारण उसे उपयोग के अनुसार विभाजित किया जा सकता है।
  • एक ही संस्था के अलग-अलग विभाग एवं कर्मचारी अपने कार्य के अनुसार Data का उपयोग कर सकते है
  • जैसे कि account विभाग का Data आवश्यकता होने पर store विभाग के द्वारा देखा जा सकता है।

(3) Independence of Data (डेटा की स्वतंत्रता) :

  • DBMS में Data को अलग-अलग स्तर पर व्यवस्थित रखा जाता है,
  • जिसके कारण इसमें उपयोगकर्ता की आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करने की स्वतंत्रता रहती है।
  • जैसे की कोई programmer अपनी सुविधा के अनुसार तारिख का प्रारूप DD/MM/YYYY रखता है
  • परन्तु उपयोगकर्ता इसे DD/MM/YY के रूप में देख सकता है।

(4) Non-Redundancy of Data (डेटा की पुर्नावृत्ति नही होना) :

  • जब एक ही प्रकार का Data एक से अधिक स्थानो पर रखा जाता है तो उसे पुर्नावृत्ति (Data redundancy) कहते है।
  • पुरानी फाइल पद्धति में Data redundancy की संभावना अधिक होती है,
  • DBMS में Data को रखने के लिए बनाए जाने वाली संरचना में Data redundancy की संभावना नहीं रहती है अर्थात् DBMS में संरचना ही इस प्रकार की होती है
  • उसमें कि किसी भी Data की पुर्नावृत्ति नही हो सकती है।

(5) Ease of Data Access (डेटा के उपयोग मे आसानी) :

  • DBMS में Data एक स्थान पर store किया जाता है
  • इस कारण से अलग-अलग प्रकार के उपयोगकर्ता इसे आसानी से उपयोग में ला सकते है।
  • Data के सही प्रकार से उपयोग मे लाने के लिए एक से अधिक program बने हुए रहते है,
  • जो Data को सरलता से उपलब्ध करवाते है।

(6) Data Integrity (डेटा की विश्वसनीयता) :

  • जब Data अलग-अलग स्थानो पर रहता है तब उसमें किसी भी प्रकार के संशोधन को सभी स्थानो पर सही प्रकार से कर पाना संभव नही होता है।
  • DBMS एक ही स्थान पर Data होने के कारण उसमें होने वाले सभी संशोधन सहीं प्रकार से किए जाते है, जिससे Data के अखंडता एवं विश्वसनीयता (Integrity) बनी रहती है।

(7) Proper Security (पुर्ण सुरक्षा) :

  • पुरानी फाइल पद्धति में Data अलग-अलग स्थानो पर रखा जाता था
  • जिससे उसे सुरक्षित रखना कठिन हो जाता था। परन्तु DBMS की केन्द्रीय प्रणाली में Data को सुरक्षित रखना अत्यन्त आसान होता है,
  • DBMS में आन्तरिक एवं बाह्य दोनो प्रकार की सुरक्षा प्रणाली लागु की जा सकती है।

(8) Ease of Data Administration (डेटा के आसान प्रबंधन) :

  • DBMS की केन्द्रीय प्रणाली में एक से अधिक user बनाए जा सकते है।
  • प्रत्येक बनाए गए user का कार्य एवं कार्यक्षेत्र निर्धारित किया जा सकता है,
  • कोई भी user अपनी कार्यक्षेत्र से बाहर कोई कार्य नहीं कर सकता है,
  • इस प्रकार Data का उचित प्रबंधन किया जा सकता है।

(9) Ease of Recovery :

  • किसी भी DBMS में backup कि सुविधा दी जाती है
  • जब भी किसी तकनीकी कारण से system कार्य करना बंद कर देता है
  • तब आसानी से backup में रखे गये Data को पुनः उपयोग में लाया जा सकता है।

Disadvantages of DBMS :

(1)Implementation Cost (उपयोग मे लाने का खर्च) :

  • DBMS मुलरूप से एक software आधारित system होता है।
  • जिसे विकसित करने में अधिक समय एवं धन कि आवश्यकता होती है,
  • आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर hardware भी बदलना होते है,
  • जिससे इसके रखरखाव कि लागत भी बढ़ जाती है।

(2) Reduction in Throughput :

  • पुराने फाइल सिस्टम कि तुलना में DBMS का उपयोग एक से अधिक user एक साथ करते है,
  • जिससे उसके output प्रदान करने के समय में कमी आ जाती है।

(3) Need of Skilled User :

  • पुराने फाइल सिस्टम में बिना प्रशिक्षण वाले नेमत भी कार्य कर सकते थे
  • परंतु DBMS केवल प्रशिक्षित user ही कार्य कर सकते है।

(4) System Failure :

  • DBMS में डाटा को एक केन्द्रीय स्थान पर रखा जाता है
  • जिसे तकनीकी भाषा में server कहते है।
  • यदि किसी कारण से server बंद या खराब होता है तब पूरा system एक साथ अनुपयोगी हो जाता है।

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